Everything about Shiv chaisa
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार Shiv chaisa विदित संसारा॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥